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संस्कृत भाषा के संजालीय विकास हेतु हम सभी भारतीयों को एक होकर संस्कृत को विश्वव्यापी भाषा बनाना है,जिसमें आपका योगदान भी आवश्यक है ।


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प्रवेश पटलम्

संस्कृत ऐसी भाषा है जो ४ वेदों ११उपनिषद एवं लाखों ग्रन्थो द्वारा पवित्र होती है इसमें कुुल १०८ वर्ण होते हैं जो सूर्य के किरणों द्वारा व हिंदू देवता शंकरजी के डमरु द्वारा उत्पन्न हुये हैं।

तत्कालीन समय मे इसे मृत भाषा माना जाने लगा पर आज भी भारत में यह जीवित है।अत: इस देवताओं की वाणी के समुचित विकास एवं पुनरूद्धार हेतु एक संगठन संचालित किया गया है ताकी संजाल के माध्यम से देववाणी संस्कृत को जन-जन तक पहुचाया जा सके,क्योंकी यह सिर्फ एक ऐसी भाषा है जिसे नासा सहित विश्व के अनेक संस्थानों ने शिद्ध किया कि यही एक ब्रम्हाण्ड की सर्वोच्च भाषा है । अतः इस सुमधुर व सुंदर वैज्ञानिक भाषा के विकास हेतु अपना अमूल्य समय जरूर दें क्योंकी इस अलंकार को खोने के उपरान्त हम सब कान्तीहीन हो जायेंगे

यंहा आपको संस्कृत सामाजिक शेयरिंगहिंदी चैटिंग,ब्लॉगिगचलचित्रकिताब डाउनलोडसमाचार,संस्कृत साफ्टवेयर अवतारण,संस्कृत देवनागरी अक्षर परिवर्तक जैसी सभी महत्वपूर्ण सुविधायें उपलब्ध हैं ।आप के लिये हम सभी संस्कृत वातावरण उपलब्ध कराने के लिये प्रतिब्द्ध है । यदि आप संस्कृत भाषा जानते हो यदि आपके पास कोई दस्तावेज उपलब्ध हो तो जरूर भेजें आपका योगदान देशहित के लिये अविस्मरणीय होगा ।

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