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ब्राह्मी एक प्राचीन लिपि है जिससे कई एशियाई लिपियों का विकास हुआ है। देवनागरी सहित अन्य दक्षिण एशियाई, दक्षिण-पूर्व एशियाई, तिब्बती तथा कुछ लोगों के अनुसारकोरियाई लिपि का विकास भी इसी से हुआ था।

इथियोपियाई लिपि पर ब्राह्मी लिपि का स्पष्ट प्रभाव है।

अनुक्रम

 

उत्पत्ति

अभी तक माना जाता था कि ब्राह्मी लिपि का विकास चौथी से तीसरी सदी ईसा पूर्व में मौर्यों ने किया था, पर भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण के ताजा उत्खनन से पता चला है कितमिलनाडु और श्रीलंका में यह ६ठी सदी ईसा पूर्व से ही विद्यमान थी।

 

अशोक स्तम्भ पर ब्राह्मी लिपि

देशी उत्पत्ति का सिद्धान्त[संपादित करें]

कई विद्वानों का मत है कि यह लिपि प्राचीन सरस्वती लिपि (सिन्धु लिपि) से निकली, अतः यह पूर्ववर्ती रूप में भारत में पहले से प्रयोग में थी। सरस्वती लिपि के प्रचलन से हट जाने के बाद संस्कृत लिखने के लिये ब्रह्मी लिपि प्रचलन मे आई। ब्रह्मी लिपि में संस्कृत मे ज्यादा कुछ ऐसा नहीं लिखा गया जो समय की मार झेल सके। प्राकृत/पाली भाषा मे लिखे गये मौर्य सम्राट अशोक के बौद्ध उपदेश आज भी सुरक्षित है। इसी लिये शायद यह भ्रम उपन्न हुआ कि इस का विकास मौर्यों ने किया।

यह लिपि उसी प्रकार बाँई ओर से दाहिनी ओर को लिखी जाती थी जैसे, उनसे निकली हुई आजकल की लिपियाँ। ललितविस्तर में लिपियों के जो नाम गिनाए गए हैं, उनमें 'ब्रह्मलिपि' का नाम भी मिला है। इस लिपि का सबसे पुराना रूप अशोक के शिलालेखों में ही मिला है।

बौद्धों के प्राचीन ग्रंथ 'ललितविस्तर' में जो उन ६४ लिपियों के नाम गिनाए गए हैं जो बुद्ध को सिखाई गई, उनमें 'नागरी लिपि' नाम नहीं है, 'ब्राह्मी लिपि' नाम हैं। 'ललितविस्तर' का चीनी भाषा में अनुवाद ई० स० ३०८ में हुआ था। जैनों के 'पन्नवणा सूत्र' और 'समवायांग सूत्र' में १८ लिपियों के नाम दिए हैं जिनमें पहला नाम बंभी(ब्राह्मी) है। उन्हीं के भगवतीसूत्र का आरंभ 'नमो बंभीए लिबिए' (ब्राह्मी लिपि को नमस्कार) से होता है।

सबसे प्राचीन लिपि भारतवर्ष में अशोक की पाई जाती है जो सिंध नदी के पार के प्रदेशों (गांधार आदि) को छोड़ भारतवर्ष में सर्वत्र बहुधा एक ही रूप की मिलती है। जिस लिपि में अशोक के लेख हैं वह प्राचीन आर्यो या ब्राह्मणों की निकाली हुई ब्राह्मी लिपि है। जैनों के 'प्रज्ञापनासूत्र' में लिखा है कि 'अर्धमागधी' भाषा जिस लिपि में प्रकाशित की जाती है वह ब्राह्मी लिपि है'। अर्धमागधी भाषा मथुरा औरपाटलिपुत्र के बीच के प्रदेश की भाषा है जिससे हिंदी निकली है। अतः ब्राह्मी लिपि मध्य आर्यावर्त की लिपि है जिससे क्रमशः उस लिपि का विकास हुआ जो पीछे 'नागरी' कहलाई। मगध के राजा आदित्यसेन के समय (ईसा की सातवीं शताब्दी) के कुटिल मागधी अक्षरों में नागरी का वर्तमान रूप स्पष्ट दिखाई पड़ता है। ईसा की ९वीं और १०वीं शताब्दी से तो नागरी अपने पूर्ण रूप में लगती है। किस प्रकार अशोक के समय के अक्षरों से नागरी अक्षर क्रमशः रूपांतरित होते होते बने हैं यह पंडित गौरीशंकर हीराचंद ओझा ने 'प्राचीन लिपिमाला' पुस्तक में और एक नकशे के द्वारा स्पष्ट दिखा दिया है।

 

ब्राह्मी का समय के साथ परिवर्तन

विदेशी उत्पत्ति का सिद्धान्त[संपादित करें]

कई पाश्चात्य विद्वानों का मत है कि कि भारतवासियों ने अक्षर लिखना विदेशियों से सीखा तथा ब्राह्मीलिपि भी उसी प्रकार प्राचीन फिनीशियन लिपि से व्युत्पन्न हुई है जिस प्रकार अरबी, यूनानी, रोमन आदि लिपियाँ। पर कई देशी विद्वानों ने सप्रमाण यह सिद्ध किया है कि ब्राह्मी लिपि का विकास भारत में स्वतंत्र रीति से हुआ।

ब्राह्मी लिपि की अन्य लिपियों से तुलना

यूनानी

Α

Β

Γ

Δ

Ε

Υ

Ζ

Η

Θ

Ι

Κ

Λ

Μ

Ν

Ξ

Ο

Π

Ϻ

Ϙ

Ρ

Σ

Τ

फोनेशियायी

                                           

अर्मानी

                                 

, 

       

ब्राह्मी

         

 ?

     

 ?

                   

 ?

                 

देवनागरी

अ

ब

ग

ध

ढ

 

व

द

ड

 

थ

ठ

य

क

च

ल

म

न

ण

श

 

प

फ

स

ख

छ

र

ष

त

ट

बंगला

অ

ব

গ

ধ

ঢ

 

ভ

দ

ড

 

থ

ঠ

য

ক

চ

ল

ম

ন

ণ

শ

 

প

ফ

স

খ

ছ

র

ষ

ত

ট

तमिल

அ

ப

க

த

ட

 

வ

த

ட

 

த

ட

ய

க

ச

ல

ம

ந

ண

ஶ

 

ப

ப

ஸ

க

ச

ர

ஷ

த

ட

कन्न्ड

ಅ

ಬ

ಗ

ಧ

ಢ

 

ವ

ದ

ಡ

 

ಥ

ಠ

ಯ

ಕ

ಚ

ಲ

ಮ

ನ

ಣ

ಶ

 

ಪ

ಫ

ಸ

ಖ

ಛ

ರ

ಷ

ತ

ಟ

तेलुगु

అ

బ

గ

ధ

ఢ

 

వ

ద

డ

 

థ

ఠ

య

క

చ

ల

మ

న

ణ

శ

 

ప

ఫ

స

ఖ

ఛ

ర

ష

త

ట

ब्राह्मी लिपि की विशेषताए

  • यह बाँये से दाँये की तरफ लिखी जाती है।
  • यह मात्रात्मक लिपि है। व्यंजनों पर मात्रा लगाकर लिखी जाती है।
  • कुछ व्यंजनों के संयुक्त होने पर उनके लिये 'संयुक्ताक्षर' का प्रयोग (जैसे प्र= प् + र)
  • वर्णों का क्रम वही है जो आधुनिक भारतीय लिपियों में है। यह वैदिक शिक्षा पर आधारित है।

ब्राह्मी  मुख्य लेख : ब्राह्मी परिवार की लिपियाँ

ब्राह्मी लिपि से उद्गम हुई कुछ लिपियां और उनकी आकृति एवं ध्वनि में समानताएं स्पष्टतया देखी जा सकती हैं। इनमें से कई लिपियाँ ईसा के समय के आसपास विकसित हुई थीं। इन में से कुछ इस प्रकार हैं-

देवनागरी, बांग्ला लिपि, उड़िया लिपि, गुजराती लिपि, गुरुमुखी, तमिल लिपि, मलयालम लिपि, सिंहल लिपि, कन्नड़ लिपि, तेलुगु लिपि, तिब्बती लिपि, रंजना, प्रचलित नेपाल, भुंजिमोल, कोरियाली, थाई, बर्मेली, लाओ,ख़मेर, जावानीज़, खुदाबादी लिपि आदि।

कुछ भारतीय लिपियों का तुलनात्मक चित्र यहां दिया गया है :

व्यंजन[संपादित करें]

देव

बांग्ला

गुर

गुज

उडिया

तमिल

तेलुगु

कन्न

मल

सिंहली

तिब्बती

थाई

बर्मेली

ख्मेर

लाओ

क

ক

ਕ

ક

କ

க

క

ಕ

ക

ක

ཀ

ก

က

ក

ກ

ख

খ

ਖ

ખ

ଖ

 

ఖ

ಖ

ഖ

ඛ

ཁ

ข

ခ

ខ

ຂ

ग

গ

ਗ

ગ

ଗ

 

గ

ಗ

ഗ

ග

ག

ค

ဂ

គ

 

घ

ঘ

ਘ

ઘ

ଘ

 

ఘ

ಘ

ഘ

ඝ

 

ฆ

ဃ

ឃ

ຄ

ङ

ঙ

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ଙ

ங

ఙ

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ങ

ඞ

ང

ง

င

ង

ງ

च

চ

ਚ

ચ

ଚ

ச

చ

ಚ

ച

ච

ཅ

จ

စ

ច

ຈ

छ

ছ

ਛ

છ

ଛ

 

ఛ

ಛ

ഛ

ඡ

ཆ

ฉ

ဆ

ឆ

ສ

ज

জ

ਜ

જ

ଜ

ஜ

జ

ಜ

ജ

ජ

ཇ

ช

ဇ

ជ

ຊ

झ

ঝ

ਝ

ઝ

ଝ

 

ఝ

ಝ

ഝ

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ฌ

ဈ

ឈ

 

ञ

ঞ

ਞ

ઞ

ଞ

ஞ

ఞ

ಞ

ഞ

ඤ

ཉ

ญ

ဉ/ည

ញ

ຍ

ट

ট

ਟ

ટ

ଟ

ட

ట

ಟ

ട

ට

ཊ

ฏ

ဋ

ដ

 

ठ

ঠ

ਠ

ઠ

ଠ

 

ఠ

ಠ

ഠ

ඨ

ཋ

ฐ

ဌ

ឋ

 

ड

ড

ਡ

ડ

ଡ

 

డ

ಡ

ഡ

ඩ

ཌ

ฑ

ဍ

ឌ

 

ढ

ঢ

ਢ

ઢ

ଢ

 

ఢ

ಢ

ഢ

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ឍ

 

ण

ণ

ਣ

ણ

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ణ

ಣ

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ණ

ཎ

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ဏ

ណ

 

त

ত

ਤ

ત

ତ

த

త

ತ

ത

ත

ཏ

ต

တ

ត

ຕ

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থ

ਥ

થ

ଥ

 

థ

ಥ

ഥ

ථ

ཐ

ถ

ထ

ថ

ຖ

द

দ

ਦ

દ

ଦ

 

ద

ದ

ദ

ද

ད

ท

ဒ

ទ

ທ

ध

ধ

ਧ

ધ

ଧ

 

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ಧ

ധ

ධ

 

ธ

ဓ

ធ

 

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ন

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ନ

ந

న

ನ

ന

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န

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ऩ

 

 

 

 

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ဏ

 

 

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প

ਪ

પ

ପ

ப

ప

ಪ

പ

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པ

ป

ပ

ប

ປ

फ

ফ

ਫ

ફ

ଫ

 

ఫ

ಫ

ഫ

ඵ

ཕ

ผ

ဖ

ផ

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ব

ਬ

બ

ବ

 

బ

ಬ

ബ

බ

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พ

ဗ

ព

ຟ

भ

ভ

ਭ

ભ

ଭ

 

భ

ಭ

ഭ

භ

 

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ဘ

ភ

ພ

म

ম

ਮ

મ

ମ

ம

మ

ಮ

മ

ම

མ

ม

မ

ម

ມ

य

য

ਯ

ય

ଯ

ய

య

ಯ

യ

ය

ཡ

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ယ

យ

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લ

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ळ

 

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ವ

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ဝ

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श

শ

ਸ਼

શ

ଶ

ஶ

శ

ಶ

ശ

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ၐ

ឝ

 

ष

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ଷ

ஷ

ష

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ഷ

ෂ

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स

স

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સ

ସ

ஸ

స

ಸ

സ

ස

ས

ส

သ

ស

 

ह

হ

ਹ

હ

ହ

ஹ

హ

ಹ

ഹ

හ

ཧ

ห

ဟ

ហ

ຫ

 

देवनागरी

पूर्वी नागरी

गुरुमुखी

गुजराती

ओडिया

तमिल

तेलुगु

कन्नड

मलयालम

सिंहल

तिब्बती

बर्मी

अ

 

অ

 

ਅ

 

અ

 

ଅ

 

அ

க

అ

 

ಅ

 

അ

ക

අ

ක

ཨ

 

အ

က

आ

का

আ

কা

ਆ

ਕਾ

આ

કા

ଆ

କା

ஆ

கா

ఆ

కా

ಆ

ಕಾ

ആ

കാ

ආ

කා

 

 

အာ

ကာ

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

ඇ

කැ

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

ඈ

කෑ

 

 

 

 

इ

कि

ই

কি

ਇ

ਕਿ

ઇ

કિ

ଇ

କି

இ

கி

ఇ

కి

ಇ

ಕಿ

ഇ

കി

ඉ

කි

ཨི

ཀི

ဣ

ကိ

ई

की

ঈ

কী

ਈ

ਕੀ

ઈ

કી

ଈ

କୀ

ஈ

கீ

ఈ

కీ

ಈ

ಕೀ

ഈ

കീ

ඊ

කී

 

 

ဤ

ကီ

उ

कु

উ

কু

ਉ

ਕੁ

ઉ

કુ

ଉ

କୁ

உ

கு

ఉ

కు

ಉ

ಕು

ഉ

കു

උ

කු

ཨུ

ཀུ

ဥ

ကု

ऊ

कू

ঊ

কূ

ਊ

ਕੂ

ઊ

કૂ

ଊ

କୂ

ஊ

கூ

ఊ

కూ

ಊ

ಕೂ

ഊ

കൂ

ඌ

කූ

 

 

ဦ

ကူ

ऎ

कॆ

 

 

 

 

 

 

 

 

எ

கெ

ఎ

కె

ಎ

ಕೆ

എ

കെ

එ

කෙ

 

 

ဧ

ကေ

ए

के

এ

কে

ਏ

ਕੇ

એ

કે

ଏ

କେ

ஏ

கே

ఏ

కే

ಏ

ಕೇ

ഏ

കേ

ඒ

කේ

ཨེ

ཀེ

အေး

ကေး

ऐ

कै

ঐ

কৈ

ਐ

ਕੈ

ઐ

કૈ

ଐ

କୈ

ஐ

கை

ఐ

కై

ಐ

ಕೈ

ഐ

കൈ

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කෛ

 

 

 

 

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కొ

ಒ

ಕೊ

ഒ

കൊ

ඔ

කො

 

 

ဩ

ကော

ओ

को

ও

কো

ਓ

ਕੋ

ઓ

કો

ଓ

କୋ

ஓ

கோ

ఓ

కో

ಓ

ಕೋ

ഓ

കോ

ඕ

කෝ

ཨོ

ཀོ